नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025 – संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने बटला हाउस एनकाउंटर पर बोलते हुए कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जब 2008 में दिल्ली में यह एनकाउंटर हुआ था, तब कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद रो पड़े थे और उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि सोनिया गांधी फूट-फूटकर रोने लगी थीं।
“अगर किसी के लिए रोना था, तो शहीद इंस्पेक्टर मोहन शर्मा के लिए रोते। लेकिन कांग्रेस ने आतंकियों पर आंसू बहाए,” शाह ने कहा।
यह टिप्पणी उस समय आई जब लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर बहस चल रही थी।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस बयान पर कांग्रेस ने तुरंत जवाब दिया। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा:
“मेरी मां के आंसू बटला हाउस के लिए नहीं थे, बल्कि उस दिन के लिए थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता (राजीव गांधी) की हत्या की थी।”
उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि पाहलगाम आतंकी हमले जैसी घटनाओं पर सुरक्षा में चूक क्यों होती है, और अब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
बटला हाउस एनकाउंटर क्या था?
19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर में दो संदिग्ध आतंकी मारे गए थे। इस ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन शर्मा शहीद हो गए थे। उस समय कांग्रेस सरकार थी और इस कार्रवाई को लेकर जमकर राजनीति हुई थी।
💬 राजनीतिक प्रभाव
इस प्रकरण ने एक बार फिर कांग्रेस बनाम बीजेपी की पुरानी बहस को जगा दिया है। जहां भाजपा इसे आतंकवाद पर नरमी बताती है, वहीं कांग्रेस इसे संवेदनशीलता और लोकतंत्र के नाम पर उठाए गए सवालों से जोड़ती है।